नासा ने स्पेस में बुधवार सुबह को आर्टिमिस-1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च करके लगभग पांच दशक बाद चांद पर फिर से इंसान को भेजने की ओर अपना पहला कदम बढ़ा चुका है।
आर्टिमिस-1 मिशन के द्वारा नासा चांद पर फिर से इंसान को भेजने की ट्रायल कर रहा है।
आइए यह मिशन क्या है और यह मिशन आगे के लिए कितना महत्व रखता है यह जानते हैं।
आर्टिमिस-1 मिशन क्या है?
आर्टिमिस-1 मिशन के द्वारा नासा चांद पर इंसान को भेजने की तैयारी कर रहा है। आर्टिमिस-1 मिशन के जरिए अपने मिशन का परीक्षण कर रहा है।
फिलहाल आर्टिमिस-1 मिशन मैं कोई इंसान नहीं है। प्यार केवल चांद की परिक्रमा करके वापस लौट आएगा परंतु नासा इसके जरिए एक परी मिशन की शुरुआत कर रहा है।
आर्टिमिस-1 मिशन से चांद पर इंसान को रहने की कितनी संभावना है, इसके साथ-साथ डीप स्पेस की रिसर्च करेगा एवं चांद को लांच पैड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं इसका परीक्षण करेगा।

आर्टिमिस-1 मिशन क्या-क्या परीक्षण करेगा?
नासा ने इस लॉन्च में आर्टिमिस-1 मिशन के साथ-साथ कई छोटे-छोटे सेटेलाइट साथ में अंतरिक्ष में भेजे हैं। जो अलग-अलग कई तरह के परीक्षण करेगा।
भेजे गए कई छोटे-छोटे सेटेलाइट में कोई चांद पर पानी की तलाश करेगा तो कोई हाइड्रोजन का पता लगाएगा। इसके साथ-साथ वहां कवक और शैवाली के बर्ताव की जांच करेगा।
आर्टिमिस-1 मिशन पर दो पुतले के साथ साथ दो खिलौने शान और सिर्फ नाम से भेजे गए हैं। इन दोनों पुत्रों और खिलौनों में 5600 रेडिएशन सेंसर लगाए गए हैं जो उस वातावरण में इंसान के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को रिकॉर्ड करेगा।
क्या है नासा का आगे का मिशन
आर्टिमिस-1 मिशन के धरती पर वापस आ जाने के बाद नासा और कई तरह के मिशन करेगा। आगे की मिशन में चांद पर उपलब्ध संसाधन की जांच करेगा और चांद पर उपलब्ध हाइड्रोजन और हीलियम को ऊर्जा के स्रोत के रूप में इस्तेमाल करेगा।
इस तरह के प्रयोग नासा आगे के आर्टिमिस-1 मिशन में करेगा, आर्टिमिस-1 मिशन और आगामी के मिशन चांद पर इंसान की लंबे समय तक रहने की और कई दरवाजे खोल देगा, जिसके कारण चांद पर इंसान को उतारना और भी आसान हो जाएगा।
इंसान को चांद पर आर्टिमिस-4 मिशन के तहत भेजने की कोशिश होगी।
Flight Path of Artemis 1

आर्टिमिस-1 मिशन एक नई शुरुआत
आज से लगभग पांच दशक पहले 1960 और 1970 के बीच इंसान चांद पर जा चुका था। परंतु अभी तक ऐसी कोई तकनीक नहीं खोजी गई थी जिसका प्रयोग करके इंसान चांद पर एक लंबे समय तक रखकर अलग-अलग तरह के प्रयोग कर सकें।
परंतु, आर्टिमिस-1 मिशन इस दिशा में एक पहला कदम है जिसके द्वारा चांद के रहस्य को जानकर वहां लंबे समय तक रहने की तकनीक विकसित की जाएगी।
आर्टिमिस-1 मिशन पृथ्वी से 4.5 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा। यह अपना मिशन को पूरा करने के बाद 11 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती की और लौटेगा।