G-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी आप भारत के पास आ गई है। अब G-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत करेगी।
1 दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक भारत G-20 समूह की अध्यक्षता करेगा जिसमें G-20 के सदस्य देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल रहेंगे।
आइए जानते हैं कि G-20 समूह क्या है G-20 काम कैसे करता है एवं इसमें किस प्रकार का काम किया जाता है।
G-20 क्या है?
G-20 एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक समूह है। इस समूह में 20 देश शामिल है।
1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के बाद G-20 समूह का गठन किया गया। इसमें शामिल देश के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरो की बैठक होती है।
जिसमें वह वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। जी को 2009 में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच का करार दिया गया।
इसमें शामिल देश प्रत्येक वर्ष साथ मिलकर आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों से संबंधित नीतियों पर चर्चा करते हैं।
यह किसी प्रकार का कोई अस्थाई संस्थान नहीं है एवं इसका कोई मुख्यालय भी नहीं है।
G-20 में शामिल देश कौन-कौन है?
G-20 शिखर सम्मेलन में 19 देशों और यूरोपीय संघ शामिल (EV) है।
इसकी अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका देश सदस्य हैं।
इस समूह में स्थाई मेहमान के तौर पर स्पेन को आमंत्रित किया जाता है।
इसके सदस्य देशों को मिलाकर G-20 समूह के पास वैश्विक अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत, वैश्विक निर्यात का 75 प्रतिशत और आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा है।
इस समूह में किस प्रकार की नीतियां पर चर्चा होती है।
G-20 की शुरुआती दौर में इसमें माइक्रोइकोनॉमिक नीतियों पर चर्चा होती थी परंतु धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया।
इस समूह में आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों के अलावा आतंकवाद एवं स्वास्थ्य जैसी मुद्दों पर भी कभी-कभी चर्चा होती है। पिछले कुछ सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर चर्चा चल रही हैं।
G-20 की मेजबानी जर्मनी को करते समय भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और अंतरराष्ट्रीय टैक्स हैवन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई थी।
परंतु फिलहाल यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बाद अमेरिका एवं चीन की सामरिक प्रतिद्वंद्विता के चलते आपसी सहयोग पर टकराव की स्थिति नजर आ रही हैं।