भारत के स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को देश का पहला निजी रॉकेट लॉन्च करके इतिहास रच दिया है। इस रॉकेट का नाम विक्रम-S दिया गया है जिसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है।
इस रॉकेट को हैदराबाद की एक नई स्टार्टअप स्काई रूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। यह रॉकेट अपने साथ अंतरिक्ष में तीन पे लोड ले जा रहा है। इस मिशन को “प्रारंभ” नाम दिया गया है।
आइए इस मिशन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
विक्रम-S रॉकेट के बारे में
भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर इस रॉकेट का नाम विक्रम- S रखा गया है। इस रॉकेट को स्काई रूट प्राइवेट कंपनी में 200 सदस्य टीमों के साथ मिलकर बनाया है।
विक्रम -S रॉकेट को ऑल कार्बन फाइबर संरचना की मदद से इसे तैयार किया गया है। रॉकेट अपने साथ 800 kg तक के पेलोड को लो अर्थ आर्बिट तक आसानी से ले जा सकता है। इसे सिर्फ 2 साल में बनाया गया है।
इस रॉकेट का वजन करीब 545 किलोग्राम है। यह रॉकेट अपने साथ ले जा रहे 3 पे लोड को स्पेस किड्स इंडिया, बेजमुक आर्मेनिया और एन स्पेस टेक इंडिया ने बनाया है।
यहां देखे लॉन्चिंग का वीडियो
विक्रम- S का लक्ष्य
ISRO और स्काई रूट के वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया इस रॉकेट का लक्ष्य वैज्ञानिकों के द्वारा 80 किलोमीटर तय किया गया था। लेकिन या रॉकेट समुद्र तट से 89.5 किलोमीटर आकाश में ऊपर गया था। याह दूरी इसने 291 में सेकड में तय की थी।
स्काई रूट के को को फाउंडर ने यह कहा कि यदि यह रॉकेट 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक भी पहुंच जाता है तो इस “प्रारंभ” मिशन को सफल माना जाएगा।
यहां देखें लॉन्चिंग की तस्वीरें
काफी सस्ती हो जाएगी रॉकेट लॉन्चिंग
ISRO इस रॉकेट को कम बजट में लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था। जिसके कारण लॉन्चिंग में उपयोग होने वाले आम ईंधन के जगह लिक्विड नेचुरल गैस (LNG) और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का प्रयोग किया गया है। क्योंकि इंधन आम इंधन के मुकाबले काफी कम प्रदूषण करता है और यह आम इंधन के मुकाबले काफी सस्ता भी है।
विक्रम- S में 3D प्रिंटिंग क्रायोजेनिक इंजन लगाए गए हैं जो कि आम क्रायोजेनिक इंजन से 30 से 40% सस्ता है।
इस रॉकेट की सफलतापूर्वक लॉन्च होने से रॉकेट अब काफी सस्ता बजट में लॉन्च हो सकेंगे।
विक्रम- S की सफलतापूर्वक लॉन्च
मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्च होने पर केंद्रीय मंत्री श्री हरिकोटा ने कहा कि यह भारतीय स्टार्ट-अप्स के लिए टर्निंग प्वाइंट और ISRO के लिए नई शुरुआत है।
स्काई रूट के को फाउंडर ने कहा कि हम सब ने मिलकर देश का पहला निजी रॉकेट लॉन्च करके इतिहास रच दिया है। आने वाला समय में अंतरिक्ष में खोज में भारत को काफी आगे ले जाएगा। यह अंतरिक्ष दुनिया में भारत की एक नई शुरुआत है।