रविवार को गुजरात के मोरबी में शाम को मच्छु नदी पर बने केबल पुल के टूट जाने के कारण अब तक 141 लोगों की जान जा चुकी हैं। वही नदी में से 177 से अधिक व्यक्तियों को बाहर सुरक्षित निकाला गया है परंतु अभी भी कुछ लोग लापता हैं जिनकी तलाश प्रशासन कर रही हैं।
गुजरात में हुई हादसा के मामले में आपराधिक केस दर्ज कर लिया गया है एवं गुजरात सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्रीय 5 सदस्यों की टीम का गठन किया गया है।
आइए इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कैसे हुआ यह हादसा
रविवार को छठ पूजा होने के कारण पुल पर उसकी क्षमता से अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई। जिसके कारण केबल ब्रिज की एक तरफ की केबल टूट गई और पुल पानी में गिरने लगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय पुल पर करीब सारे 400 लोग मौजूद थे जबकि पुल की क्षमता 250 से 300 लोगों की वजन उठाने की ही थी। फूल के टूटते ही साइकिल लोग नदी में गिरने लगे। जबकि कुछ लोग तैरकर नदी के किनारे पर आने में कामयाब रहे।
हादसे में अभी तक 141 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि अभी तक 177 से अधिक व्यक्तियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया है परंतु अभी भी कई लोग लापता हैं। जिसकी तलाश जारी है।
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बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पब्लिक के लिए खोला गया था यह पुल
गुजरात में टूटे यह पुल 140 साल से भी ज्यादा पुराना था। यह फूल पिछले 6 महीनों से मरम्मत कार्य के कारण बंद था। 2 करोड़ की लागत से मरम्मत हुई इस पुल को 25 अक्टूबर को ही इसे आम जनता के लिए खोला गया था।
नगर निगम के संपत्ति के अंदर स्थित यह पुल जिसकी घटना की जिम्मेदारी नगर निगम अध्यक्ष ने मरम्मत कार्य करने वाली कंपनी पर डाल दी।
नगर निगम अध्यक्ष संदीप जाला का कहना है कि इस पुल के मरम्मत करने का कार्य व नामक एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया था। परंतु कंपनी ने मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद बिना किसी की सूचना एवं परमिशन की इस पुल को पब्लिक के लिए खोल दिया।
इस मामले में पुलिस ने सोमवार को ओरेवा कंपनी के 9 लोगों को आईपीसी की धारा 304, 308 और 114 के तहत गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में दो प्रवेशक, दो टिकट क्लर्क, 3 सुरक्षा गार्ड और दो रिपेयरिंग कांट्रेक्टर हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में हुए इस हादसे पर शोक प्रकट करते हुए घटनास्थल का जायजा लिया और प्रभावित व्यक्तियों तक जितना हो सके उतना मदद पहुंचाने का आदेश दिया।
प्रधानमंत्री ने इस हादसे में मृत व्यक्तियों के परिजनों को 2 – 2 लाख और घायल व्यक्ति के परिजनों को 50,000 रूपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
वहीं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी मृत व्यक्ति के परिजनों को 4 – 4 लाख और घायल व्यक्तियों को 50,000 देने का ऐलान किया है।

फॉरेंसिक जांच में क्या आई सामने
फॉरेंसिक टीम ने इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए गैस कटर की मदद से पुल की जांच की।
फॉरेंसिक जांच करने के बाद फॉरेंसिक अपराधियों का कहना है कि पुल पर उसकी क्षमता से अधिक भीड़ जमा होने के कारण उसकी संरचनात्मक मजबूती कमजोर होने लगी और पुल की केबल टूटने लगी।
फॉरेंसिक अपराधियों का या कहना है कि लगभग 200 से ढाई सौ लोगों का वजन ही सह सकता था लेकिन उस समय पुल पर इसके क्षमता से दोगुना लगभग 450 से भी अधिक लोग मौजूद थे। जिसके कारण पुल की एक तरफ की केबल टूटने लगी।