कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारतीय नोटों पर गांधी जी की फोटो के साथ भगवान गणेश और महालक्ष्मी की फोटो छापने की मांग रखी हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि- “मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि भारतीय करेंसी नोटों पर एक तरफ गांधीजी की तस्वीर है। उसे वैसे ही रहने देना चाहिए, लेकिन हम दूसरी तरफ गणेशजी और मां लक्ष्मी की तस्वीर लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।”
तो आइए जानते हैं कि केवल महात्मा गांधी की फोटो भारतीय नोटों पर क्यों छापी जाती हैं?
भारतीय नोटों पर किसकी तस्वीर छपेगी इसका निर्णय कौन करता है?
भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय मुद्रा की छपाई और प्रबंधन का काम करती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक को यही जिम्मेदारी 1934 ईसवी में दी गई थी।
RBI अधिनियम की धारा 25 के अनुसार नोटों की छपाई की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास है।
परंतु नोटों का डिजाइन कैसा होगा, इसका रूप और नोटों पर कौन-कौन से सामग्री का उपयोग होगा इसका चयन आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर केंद्र सरकार यह तय करती है। तब जाकर आरबीआई नोटों की छपाई शुरू करता है।

कब से छपने लगी महात्मा गांधी की तस्वीर
महात्मा गांधी की फोटो भारतीय नोटों पर सर्वप्रथम 2 अक्टूबर 1969 को उनके जन्मदिवस पर छापी गई थी।
उस समय आरबीआई ने एक स्मारक श्रृंखला जारी कर भारतीय नोटों पर सेवाग्राम आश्रम में चरखे के साथ बैठे गांधी की तस्वीर प्रकाशित किया गया था।
996 में नोटों में बदलाव करने महात्मा गांधी की छवि, एक परिवर्तित वॉटरमार्क, विंडो सुरक्षा धागा, गुप्त छवि और दृष्टिबाधितों के लिए इंटैग्लियो जैसे चीजों को भारतीय नोटों को और सुरक्षित बनाने के लिए इन सब चीजों को शामिल किया गया था।
भारतीय नोटों पर केवल गांधी जी की तस्वीर क्यों
इस विषय को लेकर कोई अस्पष्ट विश्लेषण नहीं है कि गांधीजी की ही तस्वीर क्यों छापी जाती हैं।
2014 में लोकसभा में ब्रिज मत्री अरुण जेटली ने कहा था कि भारतीय नोटों पर किसी अन्य राष्ट्रीय नेता या महान व्यक्ति की तस्वीर इसलिए नहीं छापी जाती है कि गांधीजी से बेहतर कोई अन्य व्यक्ति देश के प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता।
RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि भारतीय नोटों पर वैज्ञानिक होमी जे भाभा या रविंद्र नाथ टैगोर एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों की फोटो भी इसलिए नहीं छापी जा सकती है क्योंकि बेशक भारत में बहुत सारे महान व्यक्ति है लेकिन गांधीजी उन सभी व्यक्तियों में आगे हैं।
गवर्नर रघुराम राजन के अनुसार दूसरा कारण यह है कि कई महान भारतीय हैं हैं जिनका फोटो भारत नोटों पर छपी जा सकती है परंतु उन महान व्यक्तियों के बारे में अलग-अलग व्यक्तियों में काफी अलग-अलग राय है जो कि विवादास्पद होंगे।

कहां होती है नोटों की छपाई
RBI के अनुसार, भारतीय नोटों की छपाई 4 प्रेसों में होती है। जिनमें दो प्रेसों का संचालन का जिम्मेदारी भारत सरकार के पास है। जिस का संचालन सिक्योरिटी प्रिंटिंग एवं मीटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) के नेतृत्व में किया जाता है। SPMCIL नासिक और देवास में है।
कहां बनाया जाता है भारतीय सिक्कों को?
भारतीय सिक्कों को बनाने की जिम्मेदारी SPMCIL के पास है और SPMCIL द्वारा भारतीय सिक्कों को चार टकसलों में की जाती हैं।
SPMCIL के यह चारों टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में है।
भारतीय सिक्कों को चलाने की जिम्मेदारी आरबीआई अधिनियम की धारा 38 के अनुसार केवल आरबीआई के पास है।